Skip to main content

Save environment save life

  environment

इन्ˈव़ाइरन्‌मन्‍ट्‌


👏


Save environment save life

*पीपल*


💚अकेला ऐसा पौधा जो दिन और रात दोनो समय आक्सीजन देता है


💛पीपल के ताजा 6-7 पत्ते लेकर 400 ग्राम पानी मे डालकर 100 ग्राम रहने तक उबाले,ठंडा होने पर पिए ब्रर्तन स्टील और एल्युमिनियम का नहीं हो, आपका ह्रदय एक ही दिन में ठीक होना शुरू हो जाएगा


💛पीपल के पत्तो पर भोजन करे, लीवर ठीक हो जाता है


💛पीपल के सूखे पत्तों का पाउडर बनाकर आधा चम्मच गुड़ में मिलाकर सुबह दोपहर शाम खायेँ, किंतना भी पुराना दमा ठीक कर देता है


💛पीपल के ताजा 4-5 पत्ते लेकर पीसकर पानी मे मिलाकर पिलाये,1- 2 बार मे ही पीलिया में आराम देना शुरू कर देता है


💛पीपल की छाल को गंगाजल में घिसकर घाव में लगाये तुरंत आराम देता है


💛पीपल की छाल को खांड (चीनी )मिलाकर दिन में 5-6 बार चूसे, कोई भी नशा छूट जाता है


💛पीपल के पत्तों का काढ़ा पिये, फेफड़ो, दिल ,अमाशय और लीवर के सभी रोग ठीक कर देता है


💛पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिये, किडनी के रोग ठीक कर देता है व पथरी को तोड़कर बाहर करता है


💛किंतना भी डिप्रेशन हो, पीपल के पेड़ के नीचे जाकर रोज 30 मिनट बैठिए डिप्रेशन खत्म कर देता है


💛पीपल की फल और ताजा कोपले लेकर बराबर मात्रा में लेकर पीसकर सुखाकर खांड मिलाकर दिन में 2 बार ले, महिलाओ के गर्भशाय और मासिक समय के सभी रोग ठीक करता है


💛पीपल का फल और ताजा कोपले लेकर बराबर मात्रा में लेकर पीसकर सुखाकर खांड मिलाकर दिन में 2 बार ले, बच्चो का तुतलाना ठीक कर देता है और दिमाग बहुत तेज करता है


💛जिन बच्चो में हाइपर एक्टिविटी होती है, जो बच्चे दिनभर रातभर दौड़ते भागते है सोते कम है, पीपल के पेड़ के नीचे बैठाइए सब ठीक कर देता है


💛किंतना भी पुराना घुटनो का दर्द हो, पीपल के नीचे बैठे 30-45 दिन में सब खत्म हो जाएगा


💛शरीर मे कही से भी खून आये, महिलाओ को मासिक समय मे रक्त अधिक आता हो, बाबासीर में रक्त आता हो, दांत निकलवाने पर रक्त आये ,चोट लग जाये, 8-10 पत्ते पीसकर,छानकर पी जाएं, तुंरत रक्त का बहना बंद कर देता है


💛शरीर मे कही भी सूजन हो, दर्द हो, पीपल के पत्तों को गर्म करके बांध दे, ठीक हो जायेगे



👏👏

Peepal tree
Peepal tree



ऐसे और पोस्ट देखने के लिए और टीम say जुड़ने के लिए क्लिक करें 👇👇




Comments

Popular posts from this blog

Viral new story

    New story viral Story bank❤❤ इसे कहते है कसक ओर चाहत- लंबी कहानी।  ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकिट नही मिला तो जर्नल डिब्बे में ही बैठना पड़ा। मगर यहां ऐसे हालात में उस शख्स से मिलना। जिंदगी के लिए एक संजीवनी के समान था। जिंदगी भी कमबख्त कभी कभी अजीब से मोड़ पर ले आती है। ऐसे हालातों से सामना करवा देती है जिसकी कल्पना तो क्या कभी ख्याल भी नही कर सकते । वो आया और मेरे पास ही खाली जगह पर बैठ गया। ना मेरी तरफ देखा। ना पहचानने की कोशिश की। कुछ इंच की दूरी बना कर चुप चाप पास आकर बैठ गया। बाहर सावन की रिमझिम लगी थी। इस कारण वो कुछ भीग गया था। मैने कनखियों से नजर बचा कर उसे देखा। उम्र के इस मोड़ पर भी कमबख्त वैसा का वैसा ही था। हां कुछ भारी हो गया था। मगर इतना ज्यादा भी नही। फिर उसने जेब से चश्मा निकाला और मोबाइल में लग गया। चश्मा देख कर मुझे कुछ आश्चर्य हुआ। उम्र का यही एक निशान उस पर नजर आया था कि आंखों पर चश्मा चढ़ गया था। चेहरे पर और सर पे मैने सफेद बाल खोजने की कोशिश की मग़र मुझे नही द

New story of middle class family

Story of life New Story  एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी...बड़ा और छोटा पढ़ने मे बहुत तेज थे। उनके मा बाप उन चारो से बेहद प्यार करते थे मगर मझले बेटे से थोड़ा परेशान से थे।  बड़ा बेटा पढ़ लिखकर डाक्टर बन गया।  छोटा भी पढ लिखकर इंजीनियर बन गया। मगर मझला बिलकुल अवारा और गंवार बनके ही रह गया। सबकी शादी हो गई । बहन और मझले को छोड़ दोनों भाईयो ने Love मैरीज की थी। बहन की शादी भी अच्छे घराने मे हुई थी। आखीर भाई सब डाक्टर इंजीनियर जो थे। अब मझले को कोई लड़की नहीं मिल रही थी। बाप भी परेशान मां भी।  बहन जब भी मायके आती सबसे पहले छोटे भाई और बड़े भैया से मिलती। मगर मझले से कम ही मिलती थी। क्योंकि वह न तो कुछ दे सकता था और न ही वह जल्दी घर पे मिलता था। वैसे वह दिहाडी मजदूरी करता था। पढ़ नहीं सका तो...नौकरी कौन देता। मझले की शादी कीये बिना बाप गुजर गये । माँ ने सोचा कहीं अब बँटवारे की बात न निकले इसलिए अपने ही गाँव से एक सीधी साधी लड़की से मझले की शादी करवा दी। शादी होते ही न जाने क्या हुआ की मझला बड़े लगन से काम करने लगा । दोस्तों ने कहा... ए चन्दू आज अड्डे पे आना। चंदू - आज नहीं फिर कभी  दोस्त - अ

shikhar dhawan

About Shikhar Dhawan   शिखर धवन के बारे में शिखर धवन एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज और कभी-कभी दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज होने के नाते, वह इंडियन प्रीमियर लीग और दिल्ली में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पंजाब किंग्स के लिए खेलते हैं।    शिखर धवन 2004 के अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में भारत के लिए खेल चुके हैं। वह "प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट" और सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी (84.16 की औसत से 505 रन) थे। उन्होंने 2004-05 रणजी ट्रॉफी सीजन में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया है। शिखर ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना भारत अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय डेब्यू किया। अपने पहले 5 एकदिवसीय मैचों में, उन्होंने केवल 69 रन बनाए और बाद में उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया। लेकिन वह पूरी ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ वापस आए। उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 जीतने वाली भारतीय टीम के लिए एक प्रमुख भूमिका निभाई। सफल टी 20 और घरेलू प्रथम श्रेणी सीज़न के बाद, शिखर धवन को 14 मार्च को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में वीरेंद्र सहवाग की जगह लेने के लिए भारतीय टेस्